Dams course details in Hindi: हमारे भारत में प्राचीन समय में हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का उपयोग होता चला आ रहा है अगर आप भी प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को सीखना चाहते हैं तो उसके लिए आपको डिप्लोमा ऑफ आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस का कोर्स करना पड़ेगा.
आप DAMS का कोर्स करके पुरानी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अच्छे से सीख सकते है इसके पश्चात् आप आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस में अपना अच्छा भविष्य बना सकते है.
आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा DAMS के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से बताने की कोशिश करेगें जैसे कि डीएमएस क्या होता है, डीएमएस कोर्स की फीस कितनी होती है, डीएमएस कोर्स में एडमिशन की योग्यता, डीएमएस के लिए सबसे अच्छे कॉलेज कौन-कौन से हैं डीएमएस कोर्स के बाद की जॉब व सैलरी कितनी होगी और डीएमएस कोर्स करने के फायदों के बारे में बतायेंगे.
DAMS क्या है?
डीएमएस का मतलब डिप्लोमा ऑफ आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस होती है जिसको हम सीधे और सरल भाषा में आयुर्वेदिक चिकित्सा विज्ञान कहते है यह एक डिप्लोमा कोर्स है इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि 2 वर्ष की होती है इन 2 वर्षों में स्टूडेंट को आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में काफी अच्छे से ज्ञान दिया जाता है डीएमएस का कोर्स करने के बाद आप आयुर्वेदिक चिकित्सा के फील्ड में एक्सपर्ट बन जाते हैं.
डीएमएस का मुख्य सिद्धांत छात्रों आयुर्वेदिक चिकित्सा की मौलिक सिद्धांतो, रोग निदान और उपचार, औषधीय और आहारिक उपचारों की विविधता के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान दिया जाता है इस कोर्स को करने के बाद आप विभिन्न चिकित्सा संस्थानों, अस्पतालों, औषधीय उत्पादन इकाइयों और अपने खुद के चिकित्सा केन्द्रों में सफलतापूर्वक आसानी से जॉब पा सकते हैं आज के समय में दिन प्रतिदिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की मांग भारत के साथ ही साथ दूसरे देशों में भी बढ़तीजा रही है.
अगर आपको आयुर्वेदिक चिकित्सा में इंटरेस्टेट हैं और आप इसमें ही अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इस स्थिति में आपके लिए डीएमएस कोर्स एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.
DAMS कोर्स क्यों करना चाहिये?
यदि आप भी यही सोच रहे हैं कि डीएमएस कोर्स क्यों करना चाहिए तो आप सही जगह पर है यहाँ हम आपके साथ डीएमएस कोर्स करने के कुछ महत्वपूर्ण कारणों को बताने जा रहे है इसके बाद आपको पता चल जायेगा कि डीएमएस क्यों करना चाहिए.
- डीएमएस कोर्स करने का एक मुख्य कारण ये है कि आप इसके माध्यम से भारतीय सभ्यता में हजारों से चली आ रही प्रमुख चिकित्सा पद्धति को जानने का मौका मिल जायेगा.
- डीएमएस कोर्स में आपको प्राकृतिक उपचारों के बारे में विस्तार से ज्ञान दिया जाता है इसमें आपको वनस्पति, औषधि और आहार के बारे में बताया जाता है तथा कैसे हम अपने शरीर को स्वस्थ व सुरक्षित रखते है इसके बाद में आपको इस बारे में बेहतरीन ज्ञान हो जायेगा.
- डीएमएस कोर्स में आपको रोगों से बचने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए काफी विस्तार से जानकारी दी जाती है.
- डीएमएस कोर्स के बाद आपको आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में में अच्छी जानकारी हो जायेगी इसके साथ ही साथ कौन सी औषधि किस रोग के लिए उपयोग में आती है इसके बारे में भी काफी अच्छी जानकारी हो जायेगी.
- डीएमएस कोर्स करने के बाद आपको आयुर्वेदिक अस्पतालों और क्लिनिक्स में अच्छी से अच्छी जॉब पा सकते हैं इसके साथ ही आप अपना खुद का आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान भी खोल सकते है.
DAMS का फुल फार्म क्या होता है?
डीएमएस का पूरा नाम “DIPLOMA OF AYURVEDIC MEDICAL SCIENCE” होता है जिसको हिंदी में आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस डिप्लोमा कहते है.
डीएमएस में स्टूडेंट्स को आयुर्वेदिक चिकित्सा के विभिन्न पहलुओ के बारे में बताया जाता है डीएमएस जो कि 2 वर्षों का डिप्लोमा कोर्स है जिसको पूरा करने के बाद आप आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में अपना एक बेहतर भविष्य बना सकते है.
DAMS कोर्स करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
डीएमएस के कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कई तरह की योग्यताए आपके पास होनी चाहिए इस कोर्स के लिए कुछ महत्वपूर्ण योग्यताए निर्धारित की गई है.
- डीएमएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए नागरिक का भारतीय होना अनिवार्य है दूसरे देशों के लोग इसमें नही ले सकते है.
- डीएमएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट की रूचि मेडिकल और चिकित्सा क्षेत्र में होना जरूरी है.
- भारत के कॉलेजों और संस्थानों में डीएमएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षा देना पड़ता है प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद ही स्टूडेंट का एडमिशन डीएमएस कोर्स में होता है.
- डीएमएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको 12वीं साइंस, आर्ट्स या कामर्स स्ट्रीम से पास होना जरुरी है.
- डीएमएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट की उम्र 18 साल या उससे ज्यादा होना चाहिए.
DAMS कोर्स की फीस कितनी है?
डीएमएस कोर्स की फीस अलग –अलग कॉलेजों और संस्थानों में अलग –अलग होती है किसी भी कोर्स की फीस कोर्स की अवधि, पाठ्यक्रम का संरचना, और संस्थान के मानकों पर निर्भर करता है.
डीएमएस कोर्स कि औसतन फीस 50,000 से 2 लाख प्रति साल के लिए हो सकती है. यह एक अनुमानित फीस है अगर आपको सटीक फीस की जानकारी लेनी है तो आप इच्छित प्रशिक्षिण संस्थान की वेबसाट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं.
DAMS कोर्स का पाठ्यक्रम
डीएमएस के कोर्स में आयुर्वेदिक चिकित्सा के विभिन्न प्रकार की जानकारी के बारे में स्टूडेंट को पढ़ाया जाता है यहाँ हम आपके साथ डीएमएस सिलेबस को हिंदी में बतायेंगे हम उम्मीद करते है कि ये जानकारी आपको पसंद आयेगी.
KYP कोर्स क्या है?
- आयुर्वेदिक चिकित्सा के मूल सिद्धांत
- आयुर्वेदिक सिद्धांत का इतिहास
- प्राण, मन, और आत्मा की परिभाषा
- पंचमहाभूत सिद्धांत
- त्रिदोष सिद्धांत
- सप्तधातु सिद्धांत
- रोग निदान और उपचार
- रोगी का अध्ययन
- औषधियों के उपयोग से रोगों का उपचार
- रोग प्राकृति और निदान
- निदान पद्धति
- प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचार तकनीकें
- आयुर्वेदिक प्रयोगशाला
- प्रयोगशाला का आयोजन
- रस, बस्ती, क्षार, लेपन, आदि की तैयारी
- औषधीय औषधियों का निर्माण
- आयुर्वेदिक औषधियां
- औषधीय पौधों की गुणधर्म
- औषधीय पौधों का उपयोग और मार्गनिर्देशिका
- औषधीय पौधों की पहचान
- प्राणायाम और योग
- आयुर्वेदिक योगासन
- ध्यान और मनोविज्ञान
- प्राणायाम की परिभाषा और महत्व
- आहार और पोषण
- आहार के उपयोग से रोगों का निदान और उपचार
- आहा की प्रकृति और गुणधर्म
- आयुर्वेदिक आहार के सिद्धांत
- पंचकर्म चिकित्सा
- बस्ती
- विरेचन
- रक्तमोक्ष
- वमन
- नस्या
- आयुर्वेदिक मसाज तकनीकें
- मसाज की विधियां और तकनीकें
- आयुर्वेदिक मसाज के फायदे
DAMS कोर्स करने के फायदे?
अगर आप भी डीएमएस कोर्स करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इस कोर्स को करने से क्या फायदा होगा ये पता होना चाहिए यहाँ हम आपको डीएमएस कोर्स के कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में जानकारी शेयर करेंगे इन जानकारियों के बाद आपको पता चल जायेगे कि आपको डीएमएस कोर्स क्यों करना चाहिए.
- डीएमएस कोर्स करने के बाद आप आयुर्वेदिक चिकित्सा के विभिन्न पहलुओ में माहिर बन जाते हैं जिसके कारण आप निदान, उपचार, औषधीय उत्पादन और आयुर्वेदिक सलाहकार के रूप में एक अच्छा भविष्य बना सकते है.
- डीएमएस कोर्स करने के बाद आप आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक अच्छा भविष्य बनाकर आनन्दित जीवन व्यतीत कर सकते है डीएमएस कोर्स के बाद आपको निजी अस्पतालों, आयुर्वेदिक क्लीनिकों व स्वास्थ्य संगठनो में आसानी से जॉब मिल सकती है.
- डीएमएस कोर्स करने के बाद आपको आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग करना अच्छे से चल जाता है इसके पश्चात् आप आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग करके अपने फैमिली के लोगो का इलाज करने में सक्षम हो जाते है.
- डीएमएस कोर्स के बाद आप आयुर्वेदिक चिकित्सा प्राणाली को आधुनिक समाज में महत्वपूर्ण स्थान दिलवाने में सहायता के सकता है यह भी डीएमएस कोर्स करने का महत्वपूर्ण फायदा है.
DAMS कोर्स के लिए भारत के सबसे अच्छे कॉलेज
डीएमएस कोर्स के लिए भारत के सबसे अच्छे कॉलेजों के बारे में बतायेंगे इन कॉलेजों में आप डीएमएस कोर्स करके अच्छी शिक्षा पा सकते है.
- राजिव गांधी आयुर्वेद विश्वविद्यालय, बंगलौर
- राजीव गांधी आयुर्वेदिक विज्ञान संस्थान, तेलगाना
- चरक संस्थान ऑफ आयुर्वेद, नई दिल्ली
- आयुष औद्योगिक अनुसंधान संस्थान, ग्वालियर
- भारतीय प्राकृतिक औषधि संस्थान ग्वालियर
- ग्लेनमार्क एकेडमी फार मेडिकल एजुकेशन, बैंगलोर
- डॉ अटल मिश्रा मेडिकल इंस्टीट्यूट दिल्ली
- आयुष आयुर्वेद विश्वविद्याल, रोहतक
- विश्व भारती विद्यापीठ, शान्तिनिकेतन
- आयुष विश्वविद्याल, हैदराबाद
- राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ जयपुर
- गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्याल, जामनगर
DAMS कोर्स करने के बाद कौन-कौन सी नौकरी मिल सकती है?
डीएमएस कोर्स करने के बाद आपको कई जगहों पर जॉब मिल सकती है हम आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण जगहों के बारे में शेयर कर रहे है जहाँ आपको डीएमएस कोर्स के बाद में जॉब मिल सकती है.
आयुर्वेदिक अस्पतालो में: डीएमएस कोर्स के करने के बाद आपको आयुर्वेदिक अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारी, औषधीय विज्ञान विशेषज्ञ, रोग निदान के विशेषज्ञ, और प्रशासनिक कार्यकारी के रूप में नौकरी मिल सकती है.
उत्पादन और मार्केटिंग कंपनियों में: डीएमएस कोर्स के करने के बाद आप आयुर्वेदिक उत्पादों, औषधियों की मार्केटिंग और उत्पादन कंपनियों में बेहतरीन जॉब पा सकते है यहाँ पर आपको नए औषधियों के विकसित, उत्पादन प्रक्रिया, मार्केटिंग, और ग्राहक सम्पर्क का काम करना पड़ेगा.
आयुर्वेदिक क्लीनिको में: डीएमएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको आयुर्वेदिक क्लिनिक में काम मिल सकता है इसके अलावा आप अपने खुद का आयुर्वेदिक क्लिनिक भी खोल सकते है.
शोध संगठन में: डीएमएस कोर्स के बाद आप आयुर्वेदिक चिकित्सा पर शोध कार्य आधारित कंपनियों में रिसर्च फेलो अथवा स्पेशलिस्ट के रूप में जॉब पा सकते है. यहाँ पर आपका मुख्य काम आयुर्वेदिक उत्पादों और चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन और अनुसंधानकरना होगा.
शिक्षण संस्थान में: डीएमएस की पढ़ाई पूरा करने के बाद आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों में प्रोफेसर और अध्यापक के रूप में नौकरी पा सकते है यहाँ पर आप डीएमएस की पढ़ाई के दौरान मिला ज्ञान नये विद्यार्थियों के साथ शेयर करना पड़ेंगा.
हमने यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण नौकरियों के बारे में बताया है जो आपको डीएमएस की पढ़ाई पूरा करने के बाद मिल सकता है इसके अलावा और भी कई और भी विकल्प है आप अपनी रूचि और भविष्य के लक्ष्य के अनुसार किसी एक का चुनाव कर सकते है.
DAMS कोर्स करने के बाद कितनी सैलरी मिलती है?
किसी भी जॉब की सैलरी कई सारी बातों पर निर्भर करती है जैसे की अनुभव, नौकरी, कंपनी और पद उसमें से मुख्य है इसलिए डीएमएस कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी को एकदम सटीक बता पाना मुश्किल है.
अगर डीएमएस कोर्स करने के बाद मिलने वाली एक अनुमानित और औसत सैलरी की तो वह 25,000 रु से 50,000 रु प्रतिमाह तक हो सकती है जॉब में समय के साथ साथ अनुभव होने पर यह सैलरी और भी ज्यादा हो सकती है.
निष्कर्ष:-
आज हमने आपको DAMS कोर्स के बारे में पूरी जानकारी इस आर्टिकल में दी है हमे आशा है आपको आपको ये जानकारी अवश्य पसंद आयेगी और इसी तरह के सब्जेक्ट से जुड़े हुए आर्टिकल के लिए हमे कमेन्ट में जरुर बताये.