आज हर व्यक्ति अपना करियर एक अच्छे मुकाम पर बनाना चाहता है कोई आर्मी में जाना चाहता है तो कोई डॉक्टर बनना चाहता है और किसी का सपना होता है कि वह जज बने और न्याय करके लोगो की सेवा करे तो आज के इस आर्टिकलके माध्यम से हम आपको जज कैसे बनते है, इसका सिलेक्शन प्रोसेस क्या है और सैलरी कितनी मिलती है इन सभी विषयों के बारे में जानकारी देंगे इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े.
जज कौन होता है?
जज को न्यायधीश भी कहते है यह हमारी कानून और न्याय व्यवस्था का प्रमुख होता है किसी भी मुद्दे पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद वैधानिक तरीके बिना किसी भेदभाव से उन्हें न्याय देना और अपराधी को दंड देना एक जज का कर्तव्य होता है इस पद में बहुत शक्ति होती है क्षण भर में ही किसी को जीवन भर के लिए कैद और मृत्यु तथा जीवन दान देने की शक्ति होती है आज के जज को प्राचीन काल के राजाओं के प्रतिनिधि के रूप में देखा जा सकता है जज हमारी न्यायपालिका का सबसे शक्तिशाली पद है जो संविधान के हिसाब से निर्णय करता है और उसके विरुद्ध कियेगए कार्यों के लिए दंडित भी कर सकता है जज बनना बहुत ही प्रतिष्ठा की बात होती है.
प्रत्येक जिले में एक जिला एवं सत्र न्यायालय होता है पूरे देश में 24 उच्च न्यायालय है और देश में सिर्फ एक सर्वोच्च न्यायालय है इस प्रकार की न्यायपालिका व्यवस्था को एकीकृत न्याय व्यवस्था कहते हैं प्रत्येक न्यायालय में एक न्यायधीश नियुक्त किया जाता है.
जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रकार
जिला एवं सत्र न्यायालय तीन प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं-
दीवानी न्यायालय
दीवानी न्यायालय में संपत्ति, जमीन, जायदाद आदि से संबंधित मुद्दों को हल किया जाता है दीवानी न्यायालय में कई प्रकार के पद होते हैं-
- जिला न्यायाधीश
- अतिरिक्त जिला न्यायाधीश
- व्यवहार न्यायाधीश फर्स्ट कैटेगरी
- व्यवहार न्यायाधीश सेकंड कैटेगरी
फ़ौजदारी न्यायालय
फौजदारी न्यायालय में वाद विवाद, झगड़े हत्या आदि से संबंधित मुकदमो की सुनवाई की जाती है और न्याय प्रदान किया जाता है फ़ौजदारी न्यायालय में कई प्रकार के पद होते हैं जैसे-
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश
- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश
- मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
- अन्य न्यायिक दंडाधिकारी
राजस्व न्यायालय
राजस्व न्यायालय में कर,वसूली आदि से संबंधित मुकदमो की सुनवाई की जाती है फौजदारी न्यायालय में कई प्रकार के पद होते हैं-
- राजस्व बोर्ड
- आयुक्त
- कलेक्टर
- तहसीलदार
जज बनने के लिए योग्यता
जज बनने के लिए पीसीएसजे परीक्षा देनी होती है जिसके लिए लोक सेवा आयोग द्वारा कुछ मापदंड रखे है जज बनने के लिए आपके पास निम्नलखित योग्यताये होनी चाहिए.
शैक्षणिक योग्यता
- आपको सबसे पहले 12वी पास करनी होगी.
- और फिर CLAT परीक्षा पास करके किसी भी लॉ यूनिवर्सिटी से वकालत (BA LLB) की पढाई करनी होगी.
- यदि आप ग्रेजुएशन के बाद लॉ करना चाहते है तो आपको तीन साल की लॉ बैचलर डिग्री (LLB) पूरी करनी होगी.
- लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद आप ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा.
उम्र–सीमा
लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद न्यूनतम 22 वर्ष और अधितम 35 वर्ष की आयु तक के उम्मीदवार आवेदन कर सकते है.
जज बनने की प्रक्रिया
जज बनने की प्रक्रिया में सबसे पहले आपको ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा इसके लिए पीसीएसजे परीक्षा का आयोजन स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा किया जाता है इस परीक्षा के तीन चरण होते है पहला प्रारम्भिक परीक्षा, दूसरा मुख्य परीक्षा और अंतिम इंटरव्यू. यह परीक्षा 1550 अंको की होती है जो इन तीनो चरणों को पास कर लेता है उसके बाद मेरिट बनती है और मेरिट के आधार पर जज की नियुक्ति की जाती है.
आवेदन
जज बनने के लिए सबसे पहले आपको यूपी लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा आवेदन के बाद परीक्षा तिथि का इंतजार करना होगा और जिस दिन परीक्षा हो उसमे बैठना होगा.
प्रारम्भिक परीक्षा
आवेदन करने के बाद आपकी प्रारम्भिक परीक्षा होती है जो ऑफलाइन मोड में होती है जिसमे ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते है जो GS, GK, हिंदी, इंग्लिश, और आपके सिलेबस से होते है इसमें नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है इसमें आपके दो पेपर होते है जिनमे से पहला 300 अंको का तथा दूसरा 150 अंक का होता है प्रारम्भिक परीक्षा कुल 450 अंक की होती है.
मुख्य परीक्षा
प्रारम्भिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा होती है जिसमे आपके कुल 6 पेपर होते है जो GK, हिंदी, इंग्लिश, विधिशास्त्र से होते है यह परीक्षा कुल 1000 अंको की होती है यह लिखित परीक्षा होती है जिसमे सब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते है इस परीक्षा को पास करके आप इंटरव्यू के लिए जा सकते है.
साक्षात्कार
मुख्य परीक्षा पास करने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है जिसमे आपसे कुछ सवाल जवाब किये जाते है इसमें आपका पर्सनालिटी टेस्ट किया जाता है मानसिक और तार्किक शक्ति का परीक्षण किया जाता है जिसके आधार पर आपको अंक प्रदान किए जाते है यह परीक्षा 100 अंको की होती है.
नियुक्ति
इसके बाद मेरिटलिस्ट जारी की जाती है और उसी लिस्ट के आधार पर जज की नियुक्ति होती है पहले उन्हें छोटे न्यायालयों में नियुक्त किया जाता है और उसके बाद 7 साल का अनुभव हो जाने के बाद हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया जाता है.
जज की शक्तियां और कार्य
एक जज बनने के बाद आपके पास बहुत सी शक्तियां होती है और इसके साथ ही कई सारी जिम्मेदारियां भी होती है जज का कार्य होता है दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद बिना किसी भेदभाव के न्याय करना और अपराधी को दंड देना यदि कोई व्यक्ति कानून का उलंघन करता है तो उसे भी दंड देना इसके साथ ही वैधानिक नियमानुसार किसी को मुक्त भी कर सकता है.
जज की सैलरी
किसी भी पोस्ट को ज्वॉइन करने से पहले व्यक्ति के मन में उससे मिलने वाले वेतन के बारे में जानने की जिज्ञासा उत्पन्न होती है तो हम आपको बता दें कि जज बनने के बाद आपके पद के अनुसार आपको सैलरी दी जाती है यदि आपकी नियुक्ति निचली न्यायपालिका में हुई है तो आपकी सैलरी लगभग 30 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह के बीच होती है किन्तु यदि आप हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज है तो आपका वेतन 1 लाख रुपये से लेकर 200000 रुपये प्रतिमाह तक हो सकता है जो एक अच्छा सैलरी पैकेज है.
आशा है की आपको “ जज कैसे बने?” आर्टिकल पसंद आया होगा यदि आप ऐसे ही किसीअन्यविषय के बारे में जानना चाहते है तो हमें कमेंट कर सकते है हम जानकारी उपलब्ध करने की कोशिश करेंगे.