15 अगस्त की छुट्टी फिर रक्षाबंधन आने वाला है सैटर डे संडे भी है तो ये मौका जो हैं बॉलीवुड के ये बिल्कुल पैसा कमाने का मौका है और ऐसे में बॉलीवुड ने दो नहीं बल्कि तीन तीन फ़िल्में रिलीज की है जी हाँ स्त्री 2 आई है वेदा आई है और खेल खेल में तो इन तीनों फिल्मों के मेकर्स कोई उम्मीद है कि उनकी फ़िल्में चल जाएगी और यही सोचकर जॉन अब्राहम और शरवरी की फ़िल्म भी सिनेमाघरों में आई है निखिल आडवाणी इस फ़िल्म के डायरेक्टर हैं और वेदा कहानी जो हैं राजस्थान की बाड़मेर एक लड़की की है.
स्त्री 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सेकंड डे
जो की दलित हैं छोटी जाति से हैं और किस तरह से वो समाज में अपने कॉलेज में हर जगह एक भाव झेल रही है कॉलेज में उसके पीने का पानी तक अलग है जो नीची जाति के छात्र हैं उनके पानी अलग है ऊंची जाति के छात्रों को ऊंची जाति के छात्रों के साथ मेल मिलाप बहुत मुश्किल है प्रेम संबंध की तो बात छोड़ दीजिये और इसी दौरान दूसरी तरफ कहानी दिखाई जाती हैं जॉन अब्राहम जो की आर्मी में मेजर है और उनकी पत्नी जिसका किरदार निभाया है तमन्ना भाटिया ने.
खेल खेल में बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 2 दिन
तो आतंकवादी उनका गला काट देते हैं और वो एक ऐसे मिशन में हैं जहाँ वो आतंकवादियों से बातचीत करती है और देश की सुरक्षा एजेंसियों तक उनकी खबर पहुंचती है और ऐसे में वो पकड़ी जाती है और उनको गला काट देते हैं और इसका बदला लेने के लिए जॉन जो है सरहद पार जाते हैं वहाँ उन तमाम आतंकियों का सफाया करते हैं लेकिन आर्मी में उनको ये निर्देश दिया जाता है की उनको जिंदा पकड़ के लाना है लेकिन वो अपनी पत्नी की हत्या का बदला लेते हैं.
और लिहाजा उनका कोर्ट मार्शल हो जाता है कोर्ट मार्शल होता है तो वो अपनी पत्नी के गांव जाते हैं जहाँ उनके पिता रहते हैं और वो बाड़मेर में रहते हैं उनको कॉलेज में बॉक्सिंग में कोर्ट ट्रेनर की जगह मिल जाती है वह जो कॉलेज के छात्र हैं जो बॉक्सिंग सीखने आते हैं उनको वो वहाँ पे हेल्प करते हैं इसी में शरवरी से उनकी मुलाकात होती है और वो देखते है की सरवरी के साथ किस तरह से वहाँ पर भेदभाव हो रहा है शरवरी यानि वेदा का किरदार जो है इस फ़िल्म में आपको बताये जॉन के मुकाबले कहीं ज्यादा स्ट्रॉन्ग है.
पूरी फ़िल्म ही वो सरवरी की और फिर वहाँ वो देखते है की एक बॉक्सिंग सीखने आई लड़की के साथ किस तरह से सरपंच जिसका किरदार निभाया है अभिषेक बेनर्जी ने और जितेंद्र प्रताप सिंह नाम है और वहाँ पे इस तरह से जात ऊंच नीच का बोलबाला है की कॉलेज में छात्रों के साथ इतना भेदभाव होता है और 150 गांवों का वो जो सरपंच हैं जितेंद्र प्रताप सिंह वो और उसके छोटे भाई जो है गांव के दलितों पे नीची जाति के लोगों पर बहुत जुल्म करते हैं.
और ऐसे में सरवरी का भाई ऊंची जाति की लड़की से प्रेम में पड़ जाता है और पहले तो उनके समाज में जो है पहले तो उनकी बहुत उनके परिवार की एक तरह से कहते हैं पूरी इज्जत उतारी जाती है सिर पर चप्पल रखके उनको खड़े होना होता है लड़की के सामने नाक रगड़ते है ये तमाम सीन्स देखने के बाद आपको लगता है की वाकई अभी हमारे देश में कई इलाकों में ऐसी बातें सचमुच होती है और वहाँ पर आप देखते हैं फिर उसके बाद वो लड़का लड़की जब भाग जाते है.
उसके बाद शुरू होता है खेल जितेंद्र प्रताप सिंह जो की दुनिया को दिखाता है कि मैं बहुत भला आदमी हूँ मुझे चुना गया है लेकिन उसके अंदर मूंछ नीच की भावना इतनी भरी हुई है की वो जान लेने पर उतारू हो जाता है उन दोनों को बुलाया जाता है शादी करवा दी जाती है और उसके बाद शादी के मंडप के उनकी हत्या होती है और उसके बाद वेदा के पूरे परिवार के पीछे जितेन्द्र प्रताप सिंह और उसका भाई पड़ जाते हैं वेदा किसी तरह अपनी जान बचा लेती है.
लेकिन इसी दौरान जॉन अब्राहम उनकी मदद करते हैं और फिर वो भागते भागते खुद को इतना मजबूत करती है कि जितेंद्र प्रताप सिंह खौफ को वो कैसे खत्म करती है यही कहानी है वेदा की फ़िल्म की शुरुआत आपको डिफरेंट लगती है अच्छी लगती है लेकिन जब तक फ़िल्म खत्म होती है ये आपको बहुत उबाऊ लगने लगती है क्योंकि सेकंड हाफ में जो है वही सिक्वेन्स वहीं ऐक्शन और कभी कभी ऐक्शन इतना ज्यादा हो गया.
की आपको लगता है नहीं रियल लाइफ में ऐसा नहीं हो सकता कोर्ट में गोलीबारी की खबरें होती हैं लेकिन पूरे कोर्ट को कोई आर्मी के तरीके से ऐसे घेर लें और पुलिस क्या कर रही है ये पता नहीं जज जो है वो बेंच के नीचे छुपे हुए हैं तो वो देख करके लगा की नहीं एक बहुत ज्यादा हो गया है लेकिन ओवरऑल जो शुरुआत में जो फ़िल्म दिखाएगी फर्स्ट हाफ जो है फ़िल्म का थोड़ा स्ट्रांग है आपको फ़िल्म में दिलचस्पी होती है लेकिन सेकंड हाफ आते आते ओपन धराशायी होने लगती है.
तो उस 15 अगस्त के मौके पर तीन फ़िल्में रिलीज हुई है जिसमें से वेदा जो है थोड़ी कमजोर पड़ सकती है फ़िल्म की कहानी एन्टरटेनमेन्ट भी एक तो कम है इसमें दूसरी तरफ ये पूरी तरह से ऐक्शन पैक्ड सोशल ड्रामा है और जॉन अब्राहम के डायलॉग्स बहुत कम है लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज और आँखों के एक्सप्रेशन से आपको पता चलता है की वो अंदर कितने दुखी हैं परेशान हैं और किस तरह से समाज में जो हो रहा है जो कुछ भी चल रहा है.
वेदा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सेकंड डे
उसको लेकर वो कितने अंदर से गुस्से में है शरवरी वाघ आने वाले दिनों में बॉलीवुड को एक बड़े स्टार के तौर पर मिल सकती है शरवरी ने इस फिल्म में बहुत बढ़िया काम किया है पूरी फ़िल्म को उन्होंने सँभाला है और इस फ़िल्म में वो बिल्कुल चमककर निकली है एक्टिंग हो बॉडी लैंग्वेज हो एक्स्प्रेशन्स हो डाइलॉग हो हर मामले में इस फिल्म वाघ जो है आज कल लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं उनकी पिछली कुछ फिल्मों में भी बहुत अच्छी रही महाराज फ़िल्म में उनकी एक्टिंग को बहुत पसंद किया गया.
मुंज्या फ़िल्म में उनकी काफी तारीफ हुई तो ये फ़िल्म सिनेमाघरों में बहुत चले ना चले लेकिन इस फ़िल्म से काफी फायदा मिल सकता है और आने वाले दिनों में उनमें एक बॉलीवुड स्टार जो है लोगों को नजर आ रहा है तो ओवरऑल ये ठीक ठाक फ़िल्म है वेदा अगर आपको एक्शन फ़िल्में पसंद नहीं है अगर आपको जॉन अब्राहम पसंद है उनका इंटेंस लुक पसंद हैं उनकी बॉडी उनके एक्स्प्रेशन्स अगर आप उनके फैन हैं तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं अगर आपको शरवरी वाघ पसंद हैं.
उनका बेस्ट काम देखना चाहते हैं तो इस फ़िल्म को देखने आप सिनेमाघरों में जा सकते हैं निखिल आडवाणी ने ओवरऑल फ़िल्म को शुरू में तो बढ़िया सँभाला है लेकिन लास्ट में फ़िल्म की तरह कोई बिखरती हुई है लेकिन ओवरऑल ये ठीक ठाक फ़िल्म है वैसे अगर आपने ये फ़िल्म देखी है तो आप इस फ़िल्म को लेकर क्या कहेंगे हमे कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वॉइन करें.